न्याय, सुरक्षा और संवैधानिक अधिकारों की मांग को लेकर सड़क पर उतरे कार्यकर्ता
आरा/ बिहार। भाकपा (माले) और ऐपवा ने संविधान-आजादी-न्याय सुरक्षा सप्ताह के तहत सोमवार को आरा शहर में एक ज़ोरदार न्याय मार्च निकाला। यह मार्च कोमल पासवान, काजल मंडल और स्नेहा कुशवाहा को न्याय दिलाने की मांग को लेकर पूर्वी रेलवे गुमटी से शुरू होकर आरा रेलवे स्टेशन परिसर तक पहुंचा, जहां यह एक जनसभा में तब्दील हो गया।
मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों ने “कोमल-काजल-स्नेहा को न्याय दो”, “बलात्कार-हत्या बंद करो”, “भाजपा-जदयू शर्म करो”, और “बलात्कारियों को संरक्षण देना बंद करो” जैसे नारे लगाए। साथ ही पीड़ित परिवारों को 25-25 लाख रुपये मुआवजे की मांग भी उठाई गई।
सभा का संचालन भाकपा-माले के जिला कार्यालय सचिव दिलराज प्रीतम ने किया। सभा को संबोधित करते हुए पार्टी के नेताओं ने कहा कि हाल के दिनों में महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में खतरनाक इज़ाफा हुआ है।
उन्होंने सासाराम की छात्रा स्नेहा कुशवाहा की बनारस में हत्या, होली के दिन लोजपा नेता के परिवार द्वारा कोमल पासवान की गाड़ी से कुचलकर हत्या, और पूर्णिया में काजल मंडल के साथ बलात्कार के बाद की गई हत्या को जघन्य घटनाएं बताया। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि राज्य में दलित और वंचित समुदाय की महिलाओं और बच्चियों को सामंती सोच के लोग लगातार निशाना बना रहे हैं।
भाकपा-माले नेताओं ने कहा कि भाजपा-जदयू की डबल इंजन सरकार में ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है, जिससे सामंती ताकतों का मनोबल बढ़ा है। उन्होंने इन घटनाओं की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी और पीड़ित परिवारों को न्याय की मांग की।
इस न्याय मार्च में भाकपा-माले के केंद्रीय कमेटी सदस्य राजू यादव, नगर सचिव सुधीर कुमार सिंह, ऐपवा जिला सचिव इंदु सिंह, राज्य कमेटी सदस्य उपेंद्र भारती, आइसा के राज्य सचिव शब्बीर कुमार, संगीता सिंह, शिवमंगल यादव, राजकिशोर राय, विष्णु ठाकुर सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए।