सहरसा (DNTV रिपोर्ट): रहुआमणि वार्ड नंबर 04 निवासी पिंटू चौधरी और उनका परिवार बीते 35 दिनों से न्याय के लिए प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों की ठोकरें खा रहा है, लेकिन अब तक न कोई सुनवाई हुई, न कोई ठोस कार्रवाई।
16 अप्रैल 2025, बुधवार:
पिंटू चौधरी अपनी पत्नी व बच्चों के साथ DM विभव चौधरी से मिलने उनके कार्यालय पहुँचे।
वे सुबह 11 बजे से शाम 4:30 बजे तक इंतजार करते रहे, लेकिन DM साहब ने मिलने की ज़रूरत तक नहीं समझी।
19 अप्रैल 2025, शनिवार:
पिंटू चौधरी सुबह 9 बजे विधायक आलोक रंजन से मिलने पहुँचे।
लगभग 10 बजे मुलाकात हुई।
पीड़ित ने विधायक को याद दिलाया कि वे पहले 4 अप्रैल को थाना प्रभारी से बातचीत कर हस्तक्षेप कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
विधायक ने शुरुआत में उलाहना देते हुए कहा कि “तुम मीडिया वालों से क्यों मिले?”, फिर बोले – “जमीन तुम्हारी है तो खुद हटाओ अवैध कब्जा, प्रशासन थोड़ी हटाएगा!”
लेकिन जब DNTV के मीडिया प्रभारी गौतम अनुभवि से बात हुई, तो विधायक ने DSP को फोन कर कहा कि मामला गंभीर है, गोली चली है, देखिए इसे।
लेकिन जब पीड़ित DSP कार्यालय पहुँचे तो वही पुरानी कहानी दोहराई गई —
“DSP साहब नहीं हैं, बाद में आइए।”
पिंटू चौधरी और उनकी पत्नी सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक बैठे रहे — और आखिर में निराश होकर लौटना पड़ा।
पीड़ित का भरोसा टूटा, लेकिन उम्मीद DNTV पर टिकी है
पिंटू चौधरी ने DNTV से कहा – थाना प्रभारी का व्यवहार सही नही है कहा की धमकाया गया और थाने से भगा दिया गया। पीड़ित का आरोप है कि जब उन्होंने थाना प्रभारी से बात की, तो उन्हें डांट-फटकार और अपमानजनक शब्दों का सामना करना पड़ा। थाना प्रभारी ने कथित तौर पर कहा: “तुम्हारे पास कितने सबूत हैं, किसके कहने पर आये हो?”
“सर, पूरा सिस्टम खामोश है, लेकिन मुझे भरोसा है कि मीडिया मेरी आवाज़ बनेगा। अब भी उम्मीद बस DNTV से है।” अगर यहा से उमीद टुटा तो मेरे पास कोई रास्ता नही है आत्मदाह जैसे कदम उठाने को मजबूर हो जाऊंगा
अब सवाल यह है:
- क्या सहरसा में न्याय सिर्फ रसूख वालों के लिए है?
- एक आम नागरिक को गोलियों की धमकी, अवैध कब्जा, और अपमानित किए जाने के बाद भी राहत क्यों नहीं?
पूरा मामला DNTV की विशेष रिपोर्ट में –
bihar.dntvindianews.com
रिपोर्ट: गौतम अनुभवि
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