पटना, 5 मई 2025 पटना हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया है कि जुलाई 2017 से मार्च 2019 के बीच किए गए संयुक्त विकास समझौतों (Joint Development Agreements – JDA) पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू होगा। यह फैसला उन मामलों पर विशेष रूप से लागू होगा जहां संपत्ति की बिक्री परियोजना की पूर्णता से पहले की गई हो।
क्या है JDA और यह फैसला क्यों अहम है?
संयुक्त विकास समझौता एक ऐसा अनुबंध होता है जिसमें भूमि मालिक और विकासकर्ता (Builder/Developer) आपस में मिलकर किसी आवासीय या व्यावसायिक परियोजना को विकसित करते हैं। आमतौर पर, जमीन मालिक को तैयार संपत्ति में एक हिस्सा मिलता है और शेष विक्रेता द्वारा बाजार में बेचा जाता है।
अब तक इस पर स्पष्टता नहीं थी कि ऐसे समझौतों पर GST लागू होगा या नहीं, खासकर यदि निर्माण कार्य पूर्ण होने से पहले फ्लैट/यूनिट बेचे गए हों। इस पर हाईकोर्ट ने स्पष्ट करते हुए कहा कि ऐसे सभी सौदों पर GST लगेगा, जिससे डेवलपर्स और खरीदार दोनों को आर्थिक असर झेलना पड़ सकता है।
अदालत का तर्क
हाईकोर्ट ने कहा कि:
“जब कोई विक्रेता निर्माणाधीन परियोजना में संपत्ति बेचता है, तो वह वस्तु के रूप में सेवा प्रदान करता है, जो GST के दायरे में आता है।”
इस आधार पर अदालत ने आयकर विभाग और जीएसटी विभाग के रुख को उचित माना और कहा कि संपत्ति के पजेशन से पूर्व हुई बिक्री पर GST देय होगा।
क्या होगा असर?
- डेवलपर्स: उन्हें पिछली परियोजनाओं पर GST की गणना और भुगतान करना पड़ सकता है।
- खरीदार: यदि विक्रेता GST का बोझ ग्राहकों पर स्थानांतरित करता है, तो उन्हें भी अतिरिक्त भुगतान करना पड़ सकता है।
- विवादों में बढ़ोतरी: यह फैसला कई पुराने समझौतों को प्रभावित कर सकता है और पहले से लंबित मामलों में नया दृष्टिकोण प्रदान करेगा।
विशेषज्ञों की राय
कर विशेषज्ञों के अनुसार यह निर्णय न केवल बिहार बल्कि देशभर में JDA आधारित निर्माण व्यवसाय को प्रभावित करेगा। यह फैसला GST के दायरे और उसकी व्याख्या को स्पष्ट करता है।
निष्कर्ष:
पटना हाईकोर्ट का यह निर्णय रियल एस्टेट और निर्माण क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है। इससे जुड़े सभी पक्षों को अब JDA के तहत किए गए सभी सौदों की वित्तीय समीक्षा करनी होगी और अपने GST अनुपालन को दुरुस्त करना होगा।
Leave a Reply