बिहार में विहंगम योग सत्संग सम्पन्न, संत विज्ञानदेव जी के आगमन की तैयारियाँ प्रारंभ

आरा (भोजपुर)। महर्षि सद्गुरु सदाफल देव ब्रह्मविद्या विहंगम योग संस्थान, भोजपुर जिला कार्यालय सह सत्संग भवन (महाराजा हाता, गली संख्या-2) में आध्यात्मिक सत्संग का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्रीकृष्णा प्रसाद ने किया।

कार्यक्रम की शुरुआत भक्ति रस में डूबी कजरी प्रस्तुति “सैइया मोरे लावले हो समाधिया” से हुई, जिसे सुनी देवी ने स्वरबद्ध किया।

इस अवसर पर प्रो. उमेश पांडेय ने भावपूर्ण उद्गार व्यक्त करते हुए कहा, “परमात्मा को पाने के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है, वे हमारे भीतर ही विराजमान हैं। अगर कुछ मांगना हो तो सद्गुरु को ही मांगना चाहिए।”

शिवशंकर सिंह (वकील साहब) ने कहा, “सद्गुरु वही होता है जो अध्यात्म के गूढ़ ग्रंथ की रचना करे और शिष्य को अमर लोक तक पहुंचाने का मार्ग दिखाए। साधना विधिवत होनी चाहिए।”

आरा अनुमंडल संयोजिका रीना गुप्ता ने कहा, “गुरु की कृपा से साधक प्रकृति पार कर तृतीय भूमि प्राप्त करते हैं, और आगे बढ़ने के लिए सेवा आवश्यक है।”

जिला सचिव विजय पांडेय ने जानकारी दी कि “17 अगस्त 2025 को संत प्रवर श्री विज्ञानदेव जी महाराज का आगमन सुनिश्चित है। इसके लिए अभी से तैयारी प्रारंभ कर दी गई है।”

पटना पश्चिम के मंत्री उमेश कुमार ने कहा, “मानव की अनंत इच्छाओं की पूर्ति केवल एक सच्चा योगी ही कर सकता है। सभी को सेवा में समर्पित रहना चाहिए।”

बिहार राज्य समन्वयक एवं दक्षिण बिहार महामंत्री भूपेंद्र राय ने घोषणा की कि “संत विज्ञानदेव जी महाराज का बिहार दौरा 15 अगस्त 2025 से शाहाबाद क्षेत्र से आरंभ होगा। 17 अगस्त को संत श्री सेमरांव आश्रम पधारेंगे, जिसमें अधिक से अधिक श्रद्धालु भाग लें।”

कार्यक्रम की सफलता में विशेष योगदान इस अवसर को सफल बनाने में जिला उप सचिव योगेन्द्र सिंह, परामर्शक दीपनारायण प्रसाद, मीडिया प्रभारी सुरेश कुमार, डॉ. अंशु सिंह, राजवंश सिंह, मंजीत सिंह, डॉ. प्रमोद कुमार रंजन, आकाश जी, जयमालती राय, किरण पांडेय, पिंकी प्रसाद, सरिता पाठक, शीला सिंह, तथा प्रियंका गुप्ता ने सक्रिय भूमिका निभाई।

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