आरा/पटना, (DNTV India News): बिहार की शिक्षा व्यवस्था को अधिक उत्तरदायी और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण सुझाव सामने आया है। आरा सिविल कोर्ट, भोजपुर के अधिवक्ता निर्मल चंद्र प्रसाद ने राज्य व केंद्र सरकार के शिक्षा विभागों को ईमेल के माध्यम से एक अनूठा प्रस्ताव भेजा है जिसमें उन्होंने छात्रों की प्रगति के आधार पर शिक्षकों के वेतन को जोड़ने की सिफारिश की है।
प्रस्ताव में उन्होंने दो मुख्य पहलुओं पर ज़ोर दिया है:
छात्र उपस्थिति की नियमित जांच: प्रत्येक छात्र की कक्षा में उपस्थिति को रिकॉर्ड किया जाए और उसे मासिक प्रगति रिपोर्ट का हिस्सा बनाया जाए।
साप्ताहिक पाठ्य-परीक्षा: शिक्षकों द्वारा पढ़ाए गए अध्यायों के आधार पर साप्ताहिक परीक्षा ली जाए और उसके परिणाम दर्ज किए जाएं।
निर्मल चंद्र प्रसाद का मानना है कि इन उपायों से छात्रों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित होगी और शिक्षक-छात्र संवाद में भी सुधार आएगा। इससे एक साझा उत्तरदायित्व की भावना विकसित होगी, जिससे शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और सहभागिता बढ़ेगी।
उन्होंने आग्रह किया है कि इस सुझाव को पायलट परियोजना के रूप में लागू कर इसकी प्रभावशीलता को परखा जाए। इस पहल को शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार की दिशा में एक व्यावहारिक कदम माना जा रहा है।